दादा का सपना पूरा करने के लिए पोते ने निकाली अनोखी बारात, जानिए कैसे पहुंचा दुल्हन को लेने
दादा का सपना पूरा करने के लिए पोते ने निकाली अनोखी बारात, जानिए कैसे पहुंचा दुल्हन को लेने
बाड़मेर शहर में एक अनोखी बारात निकाली गई. जिसमें पुरानी परंपरा को जीवित करते हुए रेगिस्तान की जहाज ऊंटों पर सवार होकर दूल्हे और बाराती गाजे-बाजे के साथ दुल्हन के घर पहुंचे. पुरानी परंपरा को जीवित करने वाली अनोखी बारात देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ा. बाड़मेर जिले में हर कोई इस बारात की सराहना कर रहा है.
दिनों देश के अलग-अलग इलाकों में हेलीकॉप्टर और महंगी गाड़ियों से बारात ले जाने का चलन शुरू हो चुका है. ऐसे में इनसे हटकर रेगिस्तान के जहाज से निकली एक बारात सरहदी बाड़मेर में चर्चा का विषय बन चुकी है. सरहदी बाड़मेर में जिला मुख्यालय पर मलेश राजपुरोहित की बारात ठेठ राजस्थानी अंदाज में ऊंटों पर निकली.
दरअसल. मलेश के दादा की बारात बरसों पहले ऊंटों पर निकली थी. मलेश के दादा का सपना था कि उनका पोता आधुनिक युग में भी परंपरागत ऊंटों की बारात को चुनते हुए अपनी दुल्हन लेने जाए. ऐसे में दादा के सपने को साकार करते हुए दूल्हे मलेश के पिता दलसिंह ने बाड़मेर से 180 किलोमीटर दूर स्थित जैसलमेर के सम से खास 21 ऊंटों को मंगवाया और गाजे-बाजे के साथ यह शाही बारात चल पड़ी.
बारात बाड़मेर जिला मुख्यालय के दान जी की होदी इलाके से शहर के मुख्य मार्गों से होती हुई निकटवर्ती महाबार गांव पहुंची. बारात को शहर के रास्ते में जिन जिन लोगों ने देखा उनका आश्चर्य और अचंभा देखने लायक था. अपने दादा के सपने को पूरा करने के साथ साथ राजस्थान की बरसों पुरानी परंपरा को आगे बढ़ाने को लेकर निकली यह शाही बारात राजस्थान के समृद्ध लोकरंग को सभी के सामने रखती नजर आई.
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