राजस्थान के झालावाड़ जिले में 1736 किसानों को मिला (अफीम) काला सोना का परमिट

 


राजस्थान के झालावाड़ जिले में केन्द्र सरकार की ओर से जारी की गई नई अफीम नीति के अनुसार झालावाड़ जिले में 1736 किसानों को अफीम के पट्टे जारी किए है।


किसानों ने अपने खेतों को तैयार कर अफीम की बुवाई भी कर दी।



किसानों ने अपने खेतों को तैयार कर बुवाई भी कर दी है। अब चार माह बाद धरती काला सोना उगलेगी। लेकिन सरकार की ओर से कम दाम मिलने से किसानों का अफीम की खेती के प्रति रूझान कम होता जा रहा है। जिले में गत वर्ष 171 किसानों की मॉर्फिन कम होने सहित अन्य कारणों से पट्टे कट गए है। जिले में गत वर्ष 1926 पट्टे दिए गए थे। इस बारी जारी नीति के अनुसार प्रति हैक्टेयर 4.2 से अधिक और 5 किलोग्राम से कम मार्फिन देने वाले किसानों को छह आरी, 5 किलोग्राम से अधिक और 5.9 किलोग्राम से कम मॉर्फिन वाले किसानों को 10 आरी और 5.9 किलोग्राम से अधिक मार्फिन देने वाले को 12 आरी का पट्टा दिया गया है। हालांकि जिले में 3.7 मार्फिन के हिसाब से पट्टे जारी किए गए है। हालांकि इस बार पिछले तीन वर्ष के दौरान लगातार जिन किसानों ने पूरी फसल हंकवाई हों, उन्हें भी पट्टा दिया गया है,

झालावाड़ जिले में ऐसे किसान 4 सौ से अधिक है। सूत्रों ने बताया कि जिले में करीब 300 गांवों में किसानों ने अफीम के खेत तैयार कर बुवाई कर दी है

झालावाड़ जिले भर में ऐसे किसान 4 सौ से अधिक है। सूत्रों ने बताया कि जिले में करीब 300 गांवों में किसानों ने अफीम के खेत तैयार कर बुवाई कर दी है, बुवाई किए हुए करीब 10 दिन हो चुके हैं। अब एक माह बाद किसानों के खेतों में बोए गए क्षेत्र की माप की जाएगी। इस कार्य के लिए अफीम विभाग द्वारा टीमों का गठन किया जाएगा। जो अलग क्षेत्रों में जाकर जितने क्षेत्र का लाइसेंस दिया गया है, उतने क्षेत्र के लिए माप करेंगे, अधिक पाए जाने पर कानूनी कार्रवाईकी जाएगी। 

झालावाड़ जिले में गत वर्ष 1926 पट्टे दिए गए थे,

झालावाड़ जिले में गत वर्ष 1926 पट्टे दिए गए थे, लेकिन इस बार कई किसानों के अपात्र होने से पट्टे कट गए है। जिले में इस बार1736 किसानों को ही लाइसेंस जारी किया गया है। 171 किसानोंके पट्टे मॉर्फिन कम होने आदि वजह से अपात्र घोषित किए गए है। वहीं 470 किसानों ने गत वर्ष अपनी अफीम की फसल को हंकवा दिया था, उन में से भी ज्यादातर को पट्टे जारी हुए है। सूत्रों का कहना है कि किसानों को सरकार द्वारा अफीम का भाव पर्याप्त नहीं दिया जाता है। जबकि बाजार भाव सरकारी दर से कई गुणा होता है। इसके चलते भी अफीम तस्करी होती है। किसान बालाराम, रामकरण आदि ने बताया कि सरकार को अफीम किसानों को अफीम का भाव बढ़ाकर राहत देना चाहिए, ताकि किसानों को इस और रूझान बढ़े। किसान राधाकिशन, मनोहलाल ने बताया कि अफीम उत्पादन में मेहनत बहुत होती है, लेकिन उतना दाम नहीं मिल पाता है, किसान चार माह तक परिवार के साथ जी जान से मेहनत करता है। ऐसे में सरकार किसानों को राहत दें तो परिवार को पूरी मजदूरी मिल सकें।


राजस्थान के झालावाड़ जिले में 1736 किसानों को मिला (अफीम) काला सोना का परमिट

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